लोगों को पैसे निकालने हैं, तो आपको कमीशन मिलेगा: जानें कैसे आप White Label ATM के साथ पैसे कमा सकते हैं

आरबीआई ने 2013 में White Label ATM की स्थापना की घोषणा दी। 2022 तक देश में 2 लाख व्हाइट लेबल एटीएम बने हैं। ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ ऑपरेटरों को एटीएम पर नकदी और गैर-नकद लेनदेन पर कमीशन मिलता है।

  • व्हाइट लेबल एटीएम – बैंक सेक्टर में आत्मनिर्भरता की नए अंदाज़ की एक नई पहल
  • RBI ने ATM सेवा की कवरेज बढ़ाने की अनुमति दी है।
  • इसका प्रबंधन और ऑपरेशन non-banking अथॉरिटी द्वारा होता है।
  • White Label ATM से कैश निकले, जमा करें जैसी सुविधा प्रदान करते हैं।

आज के समय में हर सेक्टर में आत्मनिर्भरता की व्यापकता बढ़ी है, हमारे देश में संसाधनों की उपलब्धता क्यों है, सही तरह से प्रशिक्षण और कौशल विकास का विकास हुआ है। बैंक क्षेत्र में भी आज यूपीआई और नेटबैंकिंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के कारण एक नया युग प्रारंभ हुआ है। आज वित्त क्षेत्र में नए स्टार्टअप के आगमन के साथ एक नई पहल है जो उद्यमियों को प्रेरित करती है और आत्मनिर्भरता का दायरा बढ़ाने का प्रयास करती है – ‘

व्हाइट लेबल एटीएम’। व्हाइट लेबल एटीएम क्या है?
‘व्हाइट लेबल एटीएम’ का मतलब है कि ये एटीएम एक ऐसी अथॉरिटी है या व्‍यक्‍ति द्वारा स्‍थापित, प्रबंधन और चलायी जाति है जो बैंक नहीं है। इस पर किसी भी बैंक की ब्रांडिंग नहीं होती है, इसलिए इसे व्हाइट लेबल एटीएम कहा जाता है।

इसका उदगम कैसे हुआ?

2013 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग संस्थानों या रिक्तियों को व्हाइट लेबल एटीएम स्थापित करने की अनुमति दी, ताकि एटीएम सेवा की गहन गांव और छोटे शहरों तक बढ़ सके।

बैंक और ATM में क्या अंतर है? Bank ATM के मुकाबले क्या फायदे हैं?

इससे कोई भी मौजुदा व्यवसायिक स्थान या दुकान जैसे किराना स्टोर, डिपार्टमेंटल स्टोर आदि में स्थापित किया जा सकता है, ताकि लोगों को एटीएम सेवा का अधिक लाभ मिल सके।

  • ये एक अच्छा विकल्प है छोटे शहरों, गांवों में, जहां बैंक एटीएम का स्थापना करना या फिर व्यवसायिक तनाव हो।
  • बैंक एटीएम से कम फीस चार्ज करती हैं, क्योंकि इस बैंक को किसी भी प्रकार की फीस देने की जरूरत नहीं होती।

इसमें कौन सी सुविधाएं हैं?

  • कैश निकालने और जमा करने की सुविधा
  • बैंक खाते के विवरण प्राप्त करने की सुविधा
  • बिल भुगतान करने की सुविधा
  • बैंक स्टेटमेंट प्राप्त करने की सुविधा
  • पिन बदलने की सुविधा
  • चेक बुक अनुरोध करने की सुविधा

‘White Label ATM’ का स्थापना कौन कर सकता है?

कोई भी व्यवसाय या व्यक्ति, जिसके पास एटीएम रखें, चलें और ब्रांडिंग करने के लिए अलग से जगह हो, और उनके पास जरूरी दस्तावेज (आधार कार्ड, पैन कार्ड, जीएसटी नंबर, व्यवसायिक साक्ष्य, उपलब्ध स्थान के दस्तावेज) हों। क्या एटीएम को लगाया जा सकता है.

‘White Label ATM’ कैसे शुरू करें?

  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वार ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ सुविधा और मशीनें प्रदान करने वाली कंपनियों को अनुमति है। ऐसी कंपनियों से ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ लगवाना चाहते हैं या संगठन को फ्रेंचाइजी लेना होता है।
  • अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग जमा और नकद लोडिंग राशि चार्ज करती हैं फ्रेंचाइजी प्रदान करने के लिए, जो एक बार में देना होता है।
  • इसके बाद, फ्रेंचाइजी को एटीएम की महानायक किराय और बिजली का बिल देना होता है।

कितना काम हो सकता है? ( How much work can be done )

  • ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ ऑपरेटरों को एटीएम पर नकदी और गैर-नकद लेनदेन पर कमीशन मिलता है।
  • नकद लेनदेन पर 8 से 11 रुपये का कमीशन मिलता है और गैर-नकद लेनदेन पर 2 रुपये तक का कमीशन मिलता है।
  • जितनी अधिक नकदी और गैर-नकद लेनदेन होंगे, उतनी अधिक आय एटीएम ऑपरेटर कमाएंगे।

‘व्हाइट लेबल एटीएम’ को क्यों शुरू किया गया और इसकी लोकप्रियता क्यों बढ़ रही है?

  • अर्ध-शहरी या गांव में जहां बैंक अपने खुद के एटीएम स्थापित नहीं कर सकते, ये एक अच्छा विकल्प है।
  • एटीएम सेवा की भुगतानशिलता बढ़ाने के लिए ये महत्वपूर्ण है।
  • गाँवों में बैंकिंग सेवाओं की कवरेज बढ़ाने के लिए।
  • गांव और दूरस्थ इलाक़ों के ग्राहक जो किसी भी बैंक में अपना खाता खोलवा कर एटीएम कार्ड प्राप्त कर सकते हैं, उन्हें नज़दीकी एटीएम सेवाओं की सुविधा मिल सकती है।
  • ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ से सुविधाएं का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को क्या चाहिए?
  • किसी भी बैंक का एटीएम कार्ड और उसका पिन।

देश में कितने ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ हैं?

2022 में देश में 2 लाख व्हाइट लेबल एटीएम स्थापित हैं। ऐसे एटीएम के फायदे, उनकी पहचान और सरल व्यवसायी मॉडल के कारण, इस सांख्य की अनुज्ञा रूप से अगले वर्ष में तेजी से बढ़ती है।

‘ब्राउन लेबल एटीएम’ क्या कहलाता है?

ऐसे एटीएम बैंक एटीएम होते हैं, लेकिन उनका रखरखाव और संचालन बैंक द्वार किसी तीसरे व्यक्ति को आउटसोर्सिंग कर दिया जाता है। ऐसे एटीएम बैंक की ब्रांडिंग के साथ-साथ बैंक एटीएम की तरह काम करते हैं।

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जब देश में वित्तीय साक्षरता बढ़ेगी और लोगों का वित्तीय क्षेत्र में हिसाब बढ़ेगा, तब ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ सेक्टर में नए स्टार्टअप आएंगे, क्यों ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ की प्रक्रिया और ऑपरेशन बहुत सरल और काम खर्चे वाली होती है। इसमें निवेश करके अच्छा वित्त स्रोत मिल सकता है।

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